गुलाबी रंग महिलाओं का रंग कैसे बन गया ?

गुलाबी रंग महिलाओं का रंग कैसे बन गया ?

महिला दिवस 2024: हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन पर, महिलाओं को समान अधिकार और अवसर प्राप्त करने के प्रयास किए जाते हैं। हालांकि, अभी भी महिलाओं को वह सब करने का अधिकार नहीं मिलता जो पुरुषों को होता है। महिलाओं के साथ एक विशेष रंग जुड़ा जाता है। यह है गुलाबी रंग। चलिए जानते हैं कि गुलाबी रंग को महिलाओं से क्यों जोड़ा जाता है।

महिला दिवस 2024: सामाजिक समानता, सुरक्षा और सम्मान के अधिकार प्राप्त करने के लिए, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन के मनाने के पीछे एक विशेष और महत्वपूर्ण उद्देश्य है, जिसमें स्त्रियों को लिंग के आधार पर किसी भी प्रकार का अन्याय या उत्पीड़न नहीं सहना चाहिए।

समाज में कई रोल हैं, जो महिलाओं और पुरुषों के लिए विभाजित हैं। इसके अलावा, कुछ विशेष रंगों को भी पुरुषों और महिलाओं के लिए आवंटित किया गया है। सोशल मीडिया पर विदेशी जेंडर रिवील पार्टीज में भी आपने देखा होगा कि लड़कियों के लिए पिंक और लड़कों के लिए नीला रंग का इस्तेमाल किया जाता है।आमतौर पर, कई लड़के पिंक रंग के कपड़े पहनने से हिचकिचाते हैं क्योंकि उनका धारणा है कि गुलाबी रंग सिर्फ लड़कियों के लिए होता है और वे अपने आप को उन्हीं की तरह नहीं दिखाना चाहते, लेकिन यह सोच कहां से आई है। क्यों गुलाबी रंग को महिलाओं से ही जोड़कर देखा जाता है। चलिए जानते हैं, क्यों पिंक कलर को महिलाओं का रंग माना जाता है।

पिंक था लड़कों का रंग

आज की तरह पहले के समय में पिंक कलर को लड़कियों से नहीं बल्कि लड़कों से जोड़कर देखा जाता था। प्रथम विश्व युद्ध से पहले पश्चिमी देशों में बच्चों को सफेद रंग के कपड़े पहनाए जाते थे। इस समय बच्चों से जोड़कर किसी रंग को नहीं देखा जाता था। धीरे-धारे डाई प्रचलन में आने लगे और बच्चों के कपड़ों पर पेस्टल रंगों का इस्तेमाल किया जाने लगा।इस कारण से बच्चों के कपड़ों में गुलाबी और नीले रंगों को शामिल करना शुरु किया गया। इस समय कई जगहों पर गुलाबी रंग को लड़कों के लिए ज्यादा इस्तेमाल किया जाता था। ऐसा माना जाता था कि गुलाबी दृढ़ निश्चयता और पुरुषत्व का रंग होता है, जो लड़कों को ज्यादा सूट करेंगे। वहीं नीले रंग को काफी नाजुक समझा जाता था और सुंदरता से जोड़कर देखा जाता था। इसलिए इस रंग को लड़कियों के लिए ज्यादा इस्तेमाल किया जाता था।

कैसे बना पिंक लड़कियों का रंग?

बीसवीं शताब्दी की शुरुआत में दुकानदारों ने कपड़ों और खिलौनों को बेचने के लिए उन्हें लिंग से जोड़कर, रंगों के हिसाब से बेचना शुरू कर दिया। हालांकि, इस समय भी कई जगहों की दुकानें गुलाबी को लड़कों के लिए और नीला लड़कियों के लिए इस्तेमाल कर रहे थे, तो कुछ जगहों पर पिंक लड़कियों के लिए और ब्लू लड़कों के लिए प्रयोग किया जा रहा था। हालांकि, गुलाबी को लड़कियों का रंग बनाने के पीछे दो मशहूर पेंटिंग्स का हाथ है। ये पेंटिंग्स, द बॉय और पिंकी के नाम से जानी जाती हैं, जिसमें एक लड़के ने नीले रंग के कपड़े पहने थे और लड़की ने गुलाबी रंग के कपड़े पहने थे। इसके बाद से गुलाबी रंग को धीरे-धीरे महिलाओं से जोड़कर देखा जाने लगा और लड़कों के लिए नीले रंग के कपड़ों का इस्तेमाल किया जाने लगा। यह है लड़कियों के लिए गुलाबी रंग के इस्तेमाल की कहानी