अक्षय तृतीया-धन बरसेगा आपके घर,10th May करें ये 5 उपाए…
अक्षय तृतीया 2024: समृद्धि और शुभता का पर्व बरसेगा धन करें ये 5 उपाए…
अक्षय तृतीया, जिसे “अखतीज” के नाम से भी जाना जाता है, 10 मई 2024 को धूमधाम से मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व शुभता और समृद्धि का प्रतीक है। “अक्षय” शब्द का अर्थ है “जिसका कभी क्षय न हो,” यानी यह दिन असीम संपत्ति, अनंत खुशियों और अटूट सौभाग्य का सूचक है।
अक्षय तृतीया का धार्मिक महत्व:
अक्षय तृतीया को हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और शुभ दिन माना गया है। इसका धार्मिक महत्व इस प्रकार है:
- भगवान परशुराम का जन्म: पुराणों के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार, परशुराम का जन्म हुआ था। इस वजह से इसे परशुराम जयंती भी कहा जाता है। परशुराम जी को धर्म और न्याय के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
- मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा: यह दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने के लिए विशेष महत्व रखता है। मां लक्ष्मी को धन, समृद्धि और सुख–शांति का प्रतीक माना जाता है, जबकि भगवान गणेश को सभी बाधाओं को दूर करने वाला और शुभता लाने वाला माना जाता है। इसलिए अक्षय तृतीया पर इनकी पूजा–अर्चना की जाती है।
- महाभारत का लेखन: धार्मिक कथाओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन ही महर्षि वेदव्यास ने महाभारत का लेखन शुरू किया था। इस महान कार्य में भगवान गणेश ने वेदव्यास जी की सहायता की थी। इसलिए यह दिन ज्ञान और विद्या के प्रति भी श्रद्धा का प्रतीक है।
- दान और पुण्य का महत्व: इस दिन किया गया दान कभी क्षय नहीं होता और इसका फल अक्षय रहता है। लोग इस दिन अनाज, वस्त्र, सोना, चांदी और अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान करते हैं।
पौराणिक महत्व:
अक्षय तृतीया के दिन गंगा स्नान, दान–पुण्य, पूजा–पाठ और व्रत का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन किए गए कार्यों का अक्षय फल मिलता है, जो कभी समाप्त नहीं होता। लोग इस दिन सोना, चांदी और अन्य कीमती धातुओं की खरीदारी को शुभ मानते हैं, ताकि आने वाले दिनों में उनके जीवन में सुख–समृद्धि और संपत्ति बनी रहे।
कैसे करें पूजा:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और परशुराम जी की मूर्ति स्थापित करें।
- धूप, दीप, नैवेद्य और पुष्प से पूजा करें।
- भगवान को ताजे फल, मिठाई और पंचामृत अर्पित करें।
- इस दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को भोजन और कपड़ों का दान करने से पुण्य मिलता है।
अक्षय तृतीया पर खरीदारी के लिए विशेष चीजें:
- कपास (Cotton): कपास को परिवार में शांति और सुख लाने के लिए खरीदा जाता है। इसे घर में रखकर सकारात्मक ऊर्जा और सुकून का माहौल बनाया जा सकता है।
- सेंधा नमक (Rock Salt): सेंधा नमक को खरीदकर घर में रखा जाता है, लेकिन इसे खाने के लिए नहीं, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिए। इसे घर के पूजा स्थल में रखने से धन–संपत्ति और समृद्धि बढ़ती है।
- मिट्टी के बर्तन (Earthen Pots): मिट्टी के बर्तन खरीदकर घर में लाना इस दिन शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और ये शीतलता और स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाते हैं।
- पीली सरसों या जौ (Yellow Mustard or Barley): पीली सरसों या जौ को खरीदना और पूजा में अर्पित करना कृषि में समृद्धि और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है।
- कौड़ी (Cowrie Shells): कौड़ी को शुभता और संपत्ति का प्रतीक माना जाता है। इन्हें खरीदकर घर में रखने से जीवन में आर्थिक समृद्धि और खुशियां आती हैं।
अक्षय तृतीया पर क्या न करें:
- नकारात्मक सोच और विवाद: इस दिन को शांतिपूर्ण और सकारात्मक बनाएं। किसी भी प्रकार की नकारात्मक सोच, गुस्सा या विवाद से बचें।
- अनैतिक कार्य: पवित्रता और सादगी का पालन करते हुए इस दिन को मनाएं। अनैतिक और अनुचित कार्यों से दूर रहें।
- फिजूलखर्ची: फिजूलखर्ची करने की बजाय समझदारी से जरूरी चीजों की ही खरीदारी करें। इस दिन अनावश्यक खर्च से बचें।
- नकारात्मक भाषा का प्रयोग: अपमानजनक या कठोर शब्दों का प्रयोग न करें। सकारात्मक और प्रेमपूर्ण भाषा का उपयोग करें।
- लालच: लालच में आकर ज्यादा खरीदारी न करें। इस दिन को धार्मिक और साधना के दृष्टिकोण से मनाएं।
अक्षय तृतीया के साथ व्यापार और विवाह:
इस दिन को इतना शुभ माना जाता है कि व्यापारी इसे नया व्यवसाय शुरू करने के लिए चुनते हैं। वहीं, विवाह के लिए भी यह दिन बिना किसी मुहूर्त के अत्यंत शुभ माना जाता है।
अक्षय तृतीया न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमें दान और पुण्य के महत्व को भी सिखाता है। इस दिन को सही रूप से मनाकर, हम अपने जीवन में शुभता और समृद्धि ला सकते हैं।