PCOD और PCOS के कारण और natural उपचार I

PCOD और PCOS treat naturally

PCOD और PCOS के कारण और natural उपचार I

PCOD और PCOS treat naturally
PCOD और PCOS treat naturally

PCOD और PCOS के बीच का अंतर:

PCOD (Polycystic Ovarian Disease) और PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) दोनों ही महिलाओं के reproductive health से जुड़ी समस्याएं हैं, जो ओवरीज़ में असामान्य हार्मोनल बदलाव के कारण होती हैं। हालांकि, इन दोनों के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं:

  1. PCOD: यह एक स्थिति है जहां ओवरीज़ में कई सिस्ट बन जाते हैं। ये सिस्ट हार्मोनल imbalance के कारण बनते हैं। PCOD में महिलाओं की ओवरीज़ सही तरीके से अंडे नहीं बना पातीं, जिससे पीरियड्स irregular हो जाते हैं। PCOD को आमतौर पर lifestyle changes से मैनेज किया जा सकता है।
    • PCOD में, ओवरीज़ में कई हल्के वजन के सिस्ट बन जाते हैं। ये सिस्ट हार्मोनल imbalance की वजह से बनते हैं।
    • PCOD वाली महिलाओं में अंडे ठीक से मैच्योर नहीं होते हैं, लेकिन फिर भी उनका ओव्यूलेशन (ovulation) हो सकता है।
    • यह एक आम स्थिति है जिसे आमतौर पर lifestyle changes और diet से मैनेज किया जा सकता है।

 

 2. PCOS: यह एक गंभीर हार्मोनल disorder है जिसमें inflammation और metabolic issues भी शामिल होते हैं। PCOS में ओवरीज़ से अंडे release नहीं होते हैं जिससे न सिर्फ fertility issues होती हैं, बल्कि इससे लंबे समय तक कई अन्य health complications भी हो सकते हैं जैसे कि डायबिटीज और हार्ट डिजीज।

    • PCOS एक metabolic disorder है जो ओवरीज़ के साथसाथ पूरे शरीर के hormone production और metabolism पर असर डालता है।
    • PCOS में ओवरीज़ में अंडे ठीक से मैच्योर नहीं होते और अक्सर ओव्यूलेशन नहीं होता है, जिससे fertility issues आ सकती हैं।
    • PCOS को संभालना अधिक चुनौतीपूर्ण होता है और इसके लिए अक्सर मेडिकेशन और complex lifestyle changes की जरूरत पड़ती है।

      Reasons for pcod/pcos
      Reasons for PCOD & PCOS

PCOD और PCOS के कई कारण हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  1. Genetic Factors: यदि परिवार में किसी को PCOD या PCOS की समस्या रही हो, तो इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।
  2. Insulin Resistance: जब शरीर इंसुलिन का सही से उपयोग नहीं कर पाता, तो इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है। इससे ovaries ज्यादा androgen हार्मोन बनाने लगते हैं।
  3. Inflammation: शरीर में बढ़ी हुई सूजन के स्तर से भी PCOS हो सकता है, जो androgen हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाता है।
  4. Obesity: मोटापा इंसुलिन प्रतिरोध और सूजन को बढ़ावा दे सकता है, जो PCOS के विकास में योगदान देता है।
  5. Unhealthy Lifestyle: नियमित व्यायाम की कमी और unhealthy diet जैसे कि high sugar और processed foods का सेवन PCOD और PCOS के जोखिम को बढ़ाता है।
  6. Hormonal Imbalance: अगर शरीर में hormonal balance नहीं है, तो PCOD या PCOS हो सकता है।

इन कारणों को समझना और उनके अनुसार lifestyle में बदलाव करना PCOD और PCOS के प्रबंधन में महत्वपूर्ण हो सकता है।

    • PCOD और PCOS treat naturally
      PCOD और PCOS treat naturally

PCOD और PCOS का natural उपचार 

  1. Diet and Nutrition:
    • Low GI Foods: High glycemic index के फूड्स से बचें क्योंकि ये blood sugar levels को बढ़ा सकते हैं। Whole grains, nuts, seeds, fruits, और vegetables जैसे low GI foods खाएं।
    • Lean Proteins and Healthy Fats: Chicken, fish, tofu, और legumes जैसे lean protein sources और olive oil, nuts, और seeds जैसे healthy fats शामिल करें।
  2. Regular Exercise:
    • कम से कम 30 मिनट का moderate intensity वाला exercise जैसे कि walking, swimming, या cycling हर दिन करें। यह insulin sensitivity को बढ़ावा देता है और weight management में मदद करता है।
    • नियमित रूप से व्यायाम करना बहुत महत्वपूर्ण है। यह वजन को कंट्रोल में रखने में मदद करता है और insulin resistance को भी कम करता है।

  3. Weight Management:
    • PCOD और PCOS वाली महिलाओं के लिए weight lose करना और स्थिर वजन बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। यह न केवल hormone levels को संतुलित करने में मदद करता है, बल्कि long-term health risks को भी कम करता है।
    • योग और प्राणायाम को अपने दैनिक जीवन में शामिल करें। यह आपको PCOD/PCOS से निपटने में अत्यधिक सहायता प्रदान करेगा।
  4. Stress Management:
    • Stress hormones भी insulin resistance और hormone imbalance को बढ़ा सकते हैं। Yoga, meditation, या deep breathing exercises जैसी techniques का उपयोग करके stress को मैनेज करें।
  5. Herbal and Natural Remedies:
    • Spearmint Tea: यह androgen levels को कम कर सकती है।
    • Cinnamon: यह insulin sensitivity में सुधार कर सकता है।
    • Apple Cider Vinegar: यह blood sugar control में मदद कर सकता है।
    • अश्वगंधा और हल्दी जैसी herbal supplements का उपयोग करें। ये जड़ीबूटियाँ शरीर में तनाव और सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं, साथ ही साथ वे हार्मोनल बैलेंस को भी सुधार सकती हैं।
    • शतावरी का सेवन मासिक धर्म से जुडी हर समस्या को ठीक करने में कारगर है Iयह एक अचूक आयुर्वेदिक उपाय हैI Shatavari, जिसे वैज्ञानिक रूप से Asparagus racemosus के नाम से जाना जाता है, आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है जो महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के उपचार में विशेष रूप से उपयोगी माना जाता है। यहाँ Shatavari के PCOD और PCOS  में उपयोग के कुछ लाभ दिए गए हैं:
      1. हार्मोनल संतुलन: Shatavari महिलाओं में हार्मोनल संतुलन को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित कर सकता है, जो PCOD/PCOS में असामान्य हो सकता है।
      2. प्रजनन स्वास्थ्य: Shatavari को प्रजनन टॉनिक के रूप में देखा जाता है। यह अंडाशय की स्वास्थ्य सुधारने में मदद करता है और ओव्यूलेशन को सहायता प्रदान करता है।
      3. सूजन कम करना: PCOS में सूजन एक आम समस्या है। Shatavari में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर में सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।
      4. तनाव में कमी: तनाव PCOS के लक्षणों को बढ़ा सकता है। Shatavari में अडेप्टोजेनिक गुण होते हैं, जो तनाव के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं।
      5. पोषण: Shatavari में विटामिन A, C और E के साथ-साथ कैल्शियम और आयरन जैसे मिनरल्स भी होते हैं, जो समग्र स्वास्थ्य और वेलबीइंग में सुधार करते हैं।
    • उपचार के तरीके: योग और गहरी साँस लेने के व्यायाम (जैसे प्राणायाम) का अभ्यास करें। ये तकनीकें शरीर के तनाव को कम करने में मददगार होती हैं और तनाव प्रबंधन में सहायक होती हैं, जिससे हार्मोनल संतुलन में सुधार हो सकता है।
    • जीवनशैली में बदलाव: अपने आहार में फलों, सब्जियों, और साबुत अनाज की मात्रा बढ़ाएँ, और संतृप्त वसा, नमक, और परिष्कृत चीनी का सेवन कम करें। इससे न सिर्फ आपका वजन नियंत्रण में रहेगा, बल्कि यह ओवरऑल स्वास्थ्य और वेलबीइंग में भी सुधार लाएगा।

      योग और प्राणायाम को अपने दैनिक जीवन में शामिल करें। यह आपको PCOD/PCOS से निपटने में अत्यधिक सहायता प्रदान करेगा।
      योग और प्राणायाम को अपने दैनिक जीवन में शामिल करें। यह आपको PCOD/PCOS से निपटने में अत्यधिक सहायता प्रदान करेगा।

अगर आप भी मांसाहार के शौकीन हैं तो हो जाएं सावधान!!

अगर आप भी मांसाहार के शौकीन हैं तो हो जाएं सावधान!!

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अगर आप भी मांसाहार के शौकीन हैं तो हो जाएं सावधान!!
अगर आप भी मांसाहार के शौकीन हैं तो हो जाएं सावधान!!

 

आज के समय में मांसाहार का चलन तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन कई बार हम इसके सेवन से जुड़े जोखिमों से अनजान रह जाते हैं। अगर आप भी मांसाहार के शौकीन हैं तो इस लेख में हम आपको मांसाहार से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में बताएंगे। यह जानकारी न केवल आपके खानपान की आदतों को बेहतर बनाने में मदद करेगी, बल्कि आपको दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचाएगी।

क्यों हमें मांसाहार नहीं करना चाहिए: दस प्रमुख कारण

मांसाहार का सेवन करने से न केवल हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है, बल्कि यह पर्यावरण और जानवरों के लिए भी हानिकारक हो सकता है। यहाँ दस प्रमुख कारण दिए गए हैं जिनसे स्पष्ट होता है कि हमें मांसाहार क्यों नहीं करना चाहिए:

  1. स्वास्थ्य समस्याएँ: मांसाहार से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, और कैंसर। शाकाहारी आहार इन बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
  2. पाचन तंत्र पर प्रभाव: मांस का पाचन कठिन होता है और यह हमारे पाचन तंत्र पर अतिरिक्त भार डालता है। इसके विपरीत, शाकाहारी आहार फाइबर से भरपूर होता है, जो पाचन में सहायक होता है।
  3. पर्यावरण पर प्रभाव: मांस उत्पादन के लिए भारी मात्रा में जल और भूमि का उपयोग होता है, जिससे प्राकृतिक संसाधनों का क्षय होता है। साथ ही, ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन भी बढ़ता है, जिससे जलवायु परिवर्तन होता है।
  4. पशु क्रूरता: मांस उत्पादन के लिए जानवरों को अमानवीय परिस्थितियों में पाला और मारा जाता है। यह उनके जीवन और अधिकारों का उल्लंघन है।
  5. प्राकृतिक संसाधनों की बचत: शाकाहारी आहार अपनाने से जल, ऊर्जा और भूमि का संरक्षण होता है। इससे प्राकृतिक संसाधनों की बचत होती है और अधिक लोगों को भोजन मिल सकता है।
  6. संक्रमण का खतरा: मांसाहार से विभिन्न प्रकार के संक्रमण और बीमारियाँ फैल सकती हैं, जैसे कि सैल्मोनेला, .कोलाई, और एवियन फ्लू। शाकाहारी भोजन इन जोखिमों को कम करता है।
  7. पोषण की प्रचुरता: शाकाहारी आहार में फल, सब्जियाँ, अनाज और नट्स शामिल होते हैं, जो विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। यह हमारे शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी होता है।
  8. वजन प्रबंधन: शाकाहारी आहार से वजन नियंत्रण में मदद मिलती है। यह कैलोरी में कम और पोषक तत्वों में उच्च होता है, जिससे मोटापे का खतरा कम होता है।
  9. दीर्घायु जीवन: शोध से पता चला है कि शाकाहारी लोग अधिक स्वस्थ और दीर्घायु होते हैं। शाकाहारी आहार से जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है और बुढ़ापे में स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा कम होता है।
  10. आर्थिक लाभ: शाकाहारी आहार अक्सर मांसाहारी आहार से सस्ता होता है। इससे घर के बजट में भी बचत होती है और अधिक स्वस्थ भोजन विकल्पों की उपलब्धता होती है।

    अगर आप भी मांसाहार के शौकीन हैं तो हो जाएं सावधान!!
    अगर आप भी मांसाहार के शौकीन हैं तो हो जाएं सावधान!!

 

 

 

 

 

मांसाहार का त्याग करके और शाकाहारी आहार अपनाकर, हम न केवल अपने स्वास्थ्य का ख्याल रख सकते हैं, बल्कि पर्यावरण और जानवरों के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं। यह एक सकारात्मक कदम है, जो हमारे जीवन को और भी बेहतर बना सकता है।

आयुर्वेद के अनुसार, मांसाहार खाने से कई रोग हो सकते हैं। यहाँ आठ रोगों का संक्षिप्त विवरण है जो मांसाहार खाने की वजह से हो सकते हैं:

  1. पित्त विकार: मांस का सेवन करने से आयुर्वेद में पित्त विकार हो सकता है, जैसे कि आमवात, पीलिया, और हेपेटाइटिस।
  2. वात विकार: मांसाहारी आहार के उपयोग से वातिक विकार जैसे कि अर्थराइटिस, आमवात, और संधि वात हो सकता है।
  3. कफ विकार: मांस का सेवन करने से कफ विकार, जैसे कि श्वास, कफ, और अस्थमा, हो सकते हैं।
  4. मूत्र संबंधित विकार: आयुर्वेद में मांस का सेवन करने से मूत्र संबंधित विकार, जैसे कि मूत्रकृच्छ्र, मूत्रकृच्छ्र और गुर्दे की पथरी हो सकती है।
  5. रक्त संबंधित रोग: मांस के अधिक सेवन से रक्त संबंधित रोगों का खतरा बढ़ सकता है, जैसे कि अर्कटियरियल स्क्लेरोसिस और हार्ट रोग।
  6. मनोविकार: मांसाहार के उपयोग से मनोविकार, जैसे कि चिंता, अवसाद, और उत्साहहीनता हो सकती है।
  7. मधुमेह: आयुर्वेद में मांस का अधिक सेवन करने से मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है।
  8. जठराग्नि विकार: मांसाहारी आहार से जठराग्नि विकार, जैसे कि अपच, गैस्ट्राइटिस, और अपस्मार हो सकता है।

इन रोगों का सामना करने के लिए, आयुर्वेद की सिद्धान्तों के अनुसार संतुलित आहार और जीवनशैली का पालन करना आवश्यक होता है मांसाहार से जुड़े विभिन्न जोखिमों और नुकसानों को समझते हुए, हमें अपनी खान-पान की आदतों में जरूरी सुधार करने की आवश्यकता है।

अगर आप भी मांसाहार के शौकीन हैं तो हो जाएं सावधान!!
अगर आप भी मांसाहार के शौकीन हैं तो हो जाएं सावधान!!

एक शाकाहारी आहार न केवल हमें स्वास्थ्यवर्धक जीवन देता है, बल्कि यह पर्यावरण की रक्षा में भी हमारी मदद करता है। हमारी प्लेट में जो होता है, उसका प्रभाव सीधे हमारे स्वास्थ्य और हमारे ग्रह पर पड़ता है। अतः, चलिए हम सभी मिलकर उन विकल्पों को चुनें जो न केवल हमें बल्कि हमारे पर्यावरण को भी स्वस्थ बनाए रखें। यह समय है कि हम मांसाहार के बजाय शाकाहार की ओर अग्रसर हों और एक स्वस्थ तथा हरित भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाएं।

Indian Weight loss Diet Chart in details.

Indian Diet Chart in details

Indian Weight loss Diet Chart in details.

Indian Diet Chart in details
Indian Diet Chart in details

 

इस लेख में हम एक ऐसे Indian Diet Chart के बारे में चर्चा करेंगे, जो न केवल स्वास्थ्यवर्धक है बल्कि तेजी से वजन घटाने में भी मदद करता है। इस डाइट प्लान(diet plan) में शामिल हैं स्थानीय और मौसमी खाद्य पदार्थ, जो आपकी ऊर्जा को बनाए रखते हुए आपके शरीर को सही पोषण देते हैं।

वजन घटाना आज के समय में कई लोगों की प्राथमिकता बन गया है, चाहे वो स्वास्थ्य कारणों से हो या फिर बेहतर दिखने की चाह में। वजन घटाने के लिए सही Diet Plan का चुनाव करना बहुत जरूरी है।
भारतीय खानपान में ऐसी कई सामग्रियां शामिल हैं जो न केवल पौष्टिक होती हैं बल्कि वजन घटाने में भी काफी कारगर हैं। 
2 हफ्तों में 5 kg weight-loss करने के tips.
2 हफ्तों में 5 kg weight-loss करने के tips.
  1. गर्म पानी सबसे पहले जब आप सुबह उठते हैं आप make sure करें कि आपका पेट साफ हो जाए I उसके लिए आप सुबहसुबह उठते ही दो से तीन गिलास गर्म पानी पियेंगे, और make sure करें कि आप पानी पीते समय मलासन पोज में बैठे या उसे हम potty pose भी कहते हैं या फिर जो इंडियन टॉयलेट स्टाइल है हम उसमें बैठेंगे गर्म पानी पंगे और वैसे ही 5 से 6 मिनट बैठे रहेंगे,इससे आपको प्रेशर आने में जरुर मदद मिलेगी I जिन लोगों को constipation की शिकायत रहती है वह गर्म पानी में आधा चम्मच pink salt डालकर पिए इससे आपका पूरा जो सिस्टम है वह clean हो जाएगा I

2. Black Coffee

    Black coffee extreme weight loss में बहुत मदद करता है। इसे बनाने के लिए आपको निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:

  • एक बड़ा चम्मच coffee powder
  • आधा कप से थोड़ा अधिक गर्म पानी
  • दो से तीन चुटकी दालचीनी पाउडर

बनाने की विधि:

  • सबसेपहलेएककपमेंएकबड़ाचम्मच coffee powder डालें।
  • इसकेबाद, कप में आधा कप से थोड़ा अधिक गर्म पानी डालें।
  • अब, इसमें दो से तीन चुटकी दालचीनी पाउडर डालें।
  • सभीसामग्रीकोअच्छीतरहसेमिलाएंताकिपाउडरपूरीतरहसेघुलजाए।

इस black coffee को रोजाना सुबह पीने से वजन घटाने में मदद मिलती है। दालचीनी metabolism को तेज करती है, जिससे वजन तेजी से घटता है और भूख भी कम लगती है। इस साधारण drink को अपनी diet में शामिल करके आप अपने वजन घटाने के सफर को और भी प्रभावी बना सकते हैं।

3. योगा/Exercise – Next 15 से 20 मिनट कम से कम आप योगा करेंगे योगा में आप सूर्य नमस्कार 10 round करेंगे. सूर्य नमस्कार करने के वीडियो आपको आसानी से Youtube चैनल पर मिल जाएंगे,इसके साथ ही भुजंगासन (Cobra Pose),त्रिकोणासन (Triangle Pose),अधो मुख श्वानासन (Downward Dog Pose),उत्तानासन (Standing Forward Bend),नौकासन (Boat Pose) I इसके साथ ही आप थोड़े से crunches थोड़ी stretching जितना आपकी body कर पाए, कोशिश करेगा 15 से 20 मिनट जरूर करें I योगासन ना ही सिर्फ आपका वजन घटाएगा बल्कि लोंlong run में आपको इतने सारे health benefits मिलेंगे कि आप इस blog को जरूर याद करेंगे I

4. Protein से भरपूर breakfast– हम ऐसा करेंगे जो प्रोटीन से भरपूर होI Protein आपको लंबे समय तक पेट भरा रखता है और जल्दीजल्दी भूख नहीं लगने देता, जिससे आपकी छोटीछोटी cravings कम हो जाती हैं। Protein हमारी मांसपेशियों की मरम्मत करता है जो कि Protein से ही बनी होती हैं। इस प्रकार,Protein न केवल भूख को नियंत्रित करने में मदद करता है बल्कि मांसपेशियों की रिपेयर और growth में भी सहायक होता है।

5. गर्म पानी वजन घटाने के दौरान आप कोशिश करें कि सिर्फ गर्म पानी ही पिएं खाना खाने के 40 45 minutes बाद। शुरुआत में यह थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन गर्म पानी आपके metabolism को बढ़ाने और गंदगी निकालने को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे वजन घटाने में सहायता मिलती है।

5. फल या सलादअब दोपहर को लंच करने के आधे घंटे पहले कोई भी फल या सलाद भरपेट खा लें।अगर आप office जाते हैं तो वहां भी आप कोई फल या कम से कम खीरा तो खा ही सकते हैं। खीरा हल्का और पौष्टिक होता है, जो भूख को नियंत्रित करने में मदद करता है और आपको ताजगी का अनुभव कराता है I

6. Lunch- दोपहर के खाने में आप protein से भरपूर खाने के options चुन सकते हैं, जो हमने पहले list में बताए थे। इससे आपको लंबे समय तक पेट भरा महसूस होगा और ऊर्जा भी बनी रहेगी साथ में आप कोशिश करें एक गिलास चास/butter milk जरूर पिए। ऐसे भोजन आपके वजन घटाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेंगे।अगर आपको राइस(rice) खाने की craving हो रही है या राइस खाने की आदत है तो आप थोड़ा सा वह भी खा सकते हैं। इसमें कोई समस्या नहीं है। बस ध्यान रखें कि मात्रा नियंत्रित हो और संतुलित आहार के हिस्से के रूप में ही इसे शामिल करें।

7. Repeat गर्म पानीखाने के 40 45 minutes बाद I

8. Evening snacks – Evening के समय आप अगर office में है तो प्लीज चाय avoid करिए उसकी जगह black coffee ले या फिर green tea ले सकते हैं ,और munching के लिए आप roasted चना, roasted मूंगफली, roasted  मखाना या कोई भी ड्राई फ्रूट/dry fruit एक मुट्ठी आप खा सकते हैं I

9. Water–  जितनी बार भी प्यास लगी कोशिश करें हल्का गर्म पानी ही पिए ,इससे आपका मेटाबॉलिज्म एक्टिव रहेगा जिससे आपको वेट लॉस में बहुत हेल्प मिलेगी I

10. Early Dinner- Dinner के लिए आपसे list में से कोई भी हाई प्रोटीन/high protein खाना चुन सकते हैं और कोशिश करें डिनर जितनी जल्दी हो सके उतना कर ले,Dinner में आप अपनी पसंद की एक कटोरी दाल जरूर शामिल करें, जो कि एक सूप की तरह काम करेगी। यह एक हाईप्रोटीन सूप होगा, जो आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराएगा और रात भर वजन घटाने में मदद करेगा।

11. Milk (optional)अगर आप चाहे तो रात को सोने के पहले एक गिलास गर्म दूध पी सकते हैं (no sugar)

Weight loss Breakfast/Lunch/Dinner options: जो तेजी से weight loss में मदद करेगा I

Indian Diet Chart in details
Indian Diet Chart in details

 

*(Use desi ghee/mustard oil/Til oil)No white oil/sunflower oil 

  • दाल चिल्ला (use very less oil) desi ghee
    • अरहर की दाल, मूंग दाल, मसूर दाल, उड़द दाल
  • पनीर और बाजरा/रागी/मक्का की रोटी :
    • पनीर भुर्जी, पनीर टिक्का, मटर पनीर
  • Poha (Flatten rice flakes)
  • चने (Chickpeas):
    • चना मसाला, काबुली चना, चना सलाद,चने का चार्ट
  • सोया और बाजरा/रागी/मक्का की रोटी :(Soy):
    • सोया चंक्स करी, सोया कीमा, सोया कटलेट
  • दही (Yogurt):
    • दही के साथ फल, दही के साथ चाट, रायता
  • राजमा (Kidney Beans):
    • राजमा चावल, राजमा करी
  • इडली या फिर प्लेन डोसा और मूंगफली (Peanuts):
    • मूंगफली चाट, मूंगफली की चटनी
  • काबुली चना (Black Chickpeas):
    • चना सलाद, काले चने की सब्जी

(Non-veg Options)

  • अंडे और बाजरा/रागी/मक्का की रोटी (Eggs):
    • उबले अंडे, अंडा भुर्जी, अंडा करी
  • मांस और बाजरा/रागी/मक्का की रोटी (Meat):
    • चिकन करी, मटन करी
    • यह high protein food आपको बहुत देर तक भूख नहीं लगे देगा,ये न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद हैं I

Important Notes:

  • Mini meals –अगर आपको ज्यादा भूख लगती है, तो सोयाबीन चंक्/soya chunks/ chana को उबालकर उसमें चाट मसाला मिक्स करके टिफिन में ले जा सकते हैं। यह आपको एक घंटे के लिए भरपूर ऊर्जा देगा और भूख को संतुष्ट करेगा। सोयाबीन चंक्स प्रोटीन से भरपूर होते हैं और वजन घटाने में मदद करते हैं। यह High Protein meal आपकी भूख को लंबे समय तक शांत रखेगी और आपकी छोटीछोटी cravings को कम करेगी। इससे आप स्वस्थ और संतुलित तरीके से वजन घटाने में सफल हो सकते हैं।
  • Sweet Cravings- sweet की cravings को संतुष्ट करने के लिए आप अपने साथ किशमिश, खजूर या 70% dark chocolate रख सकते हैं या फिर कोई भी fruit। ये न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि सेहतमंद भी होते हैं और आपकी मिठाई की लालसा को पूरा करने में मदद करते हैं।
  • Meal Guide – किसी भी meal में रोटी और चावल की मात्रा कम रखें और दाल और सब्जियों की मात्रा ज्यादा रखें। सब्जियों में हरी सब्जियां, खासकर लौकी, बहुत जरूरी है। यह न केवल पौष्टिक होती हैं बल्कि वजन घटाने में भी मदद करती हैं। हरी सब्जियों में फाइबर और विटामिन की भरपूर मात्रा होती है, जो आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराती हैं और शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करती हैं।जिससे आपको weakness नहीं लगेगा I
  • Magic Drink– रात को सोने से पहले एक गिलास पानी में आधा चम्मच जीरा/cumin डालें और इसे अच्छी तरह से उबालें। इस पानी को छानकर सोने से पहले पिएं। यह पेय चमत्कारी है, क्योंकि यह न केवल पाचन को सुधारता है बल्कि वजन घटाने में भी मदद करता है। जीरा मेटाबॉलिज्म/metabolism को बढ़ाता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में सहायक होता है।
  • Party and Outing meals- अगर आप किसी party या आउटिंग में जा रहे हैं, तो कोशिश करें कि वहां भी high protein food का चयन करें जो oil free/less oily हो या बहुत ही कम तेल में बना हो। इसमें पनीर टिक्का, ग्रिल्ड चिकन, या तंदूरी फिश हो सकते हैं। इसके अलावा, आप minimum तेल में बना डोसा, इडली, या हरा भरा कबाब भी चुन सकते हैं। इस तरह के विकल्प आपके वजन घटाने के लक्ष्य को बनाए रखने में मदद करेंगे और आपको स्वस्थ रखेंगे।
  • Cheat Meals– Cheat meals आप week में 1 दिन का सकते हैं या कभी कबार जब आप बाहर जाते हैं तब खा सकते हैं I चीट मील में आप पनीर momos, वेजिटेबल momos, चिकन मोमोज ,तंदूरी चिकन, fish खा सकते हैं I
  • Nos – No Sugar, No Packed Food, No fast food, No Diet food,No biscuits which comes in packet चाहे उसे पर जितना भी लिखा हो कि यह Diet food है sugar free है या जो भी आप कोई भी packet food नहीं खाएंगे I शुगर की जगह अब थोड़ा बहुत गुड/jaggery use कर सकते हैं I
  • Walk-जितना हो सके उतना walk करें और physically active रहें। इससे आपका मेटाबॉलिज्म तेज होता है, जो वजन घटाने में मदद करता है। रोजाना walk करना और सक्रिय रहना न केवल आपके शरीर को फिट रखता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारता है।

    2 हफ्तों में 5 kg weight-loss करने के tips.
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हमारी देसी इंडियन थाली पहले से ही एक पोषण का खजाना है, लेकिन आजकल बाहर के फूड पैकेट्स और 10 तरह की चीज़ों के चलते हम अपने पारंपरिक आहार से दूर हो रहे हैं। जबकि हमारी भारतीय थाली में दाल, चावल, रोटी, सब्जी, सलाद और दही जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो हमें संपूर्ण पोषण प्रदान करते हैं। इनसे न केवल हमारा स्वास्थ्य बेहतर रहता है, बल्कि वजन घटाने में भी मदद मिलती है। हमें चाहिए कि हम अपनी देसी थाली का महत्व समझें और इसे अपने दैनिक आहार में शामिल करें, बजाय बाहर के पैकेट बंद खाद्य पदार्थों के।

आशा है कि यह जानकारी और सुझाव आपकी Dieting प्रक्रिया में बहुत मददगार साबित होंगे। इन उपायों को अपनाकर आप न केवल स्वस्थ रहेंगे बल्कि अपने वजन घटाने के लक्ष्यों को भी प्राप्त कर सकेंगे। याद रखें, निरंतरता और धैर्य ही सफलता की कुंजी हैं। स्वस्थ रहें और खुश रहें!

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वैसे तो हर शरीर खूबसूरत है पर, मोटापा अपने साथ-साथ 100 बीमारियां भी लाता हैI

क्या आपको पता है 70% आपका Food matter करता है आपके मोटापे और आपका वजन घटाने को लेकर Iजी हां सिर्फ 30% आपकी physical activity matter करती है बाकी 70% सिर्फ और सिर्फ आपका food matter करता है कि आपकी body एक fit body होगी या फिर एक मोटापे भारी या फिर कह सकते हैं एक unfit body.

2 हफ्तों में 5 kg weight-loss करने के tips.
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जी हां, आजकल जैसी हमारी lifestyle है उसे हिसाब से मोटापा बहुत बड़ा हो गया हैI चाहे हम घंटों तक एक ही जगह पर बैठकर पढ़ाई करें या ऑफिस का काम करते रहें, और आजकल जो तरहतरह का खाना खाते हैं, यह सब हमें मोटा ही बनाता है।सिर्फ मोटापा ही नहीं उसके साथ-साथ हमें आलस और दिनभर dullness feel होती हैI

 आइए जानें कि मोटापे के अन्य कारण क्या हैं ?

  1. Unhealthy खानपान:
    Processed food, high-calorie snacks, fast food, और sugary beverages वजन बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
  2. Lack of Physical Activity:
    Office
    में बैठकर काम करना और physical activity की कमी मोटापे का एक प्रमुख कारण है।
  3. Hormonal असंतुलन:
    Hormonal समस्याएं जैसे hypothyroidism, PCOS, या insulin imbalance भी वजन बढ़ाने का कारण बन सकते हैं।
  4. Genetic कारण:
    Family
    में मोटापे की history होने पर genetic कारणों से भी वजन बढ़ सकता है।
  5. Lack of Sleep:
    पर्याप्त नींद न लेने से metabolism प्रभावित होता है, जिससे वजन बढ़ सकता है।
  6. Stress:
    Stress के कारण cortisol hormone का स्तर बढ़ता है, जो weight gain में योगदान कर सकता है।
  7. दवाइयों का प्रभाव:
    कुछ दवाइयाँ जैसे एंटीडिप्रेसेंट, स्टेरॉयड्स, और एंटीसाइकोटिक भी वजन बढ़ाने में भूमिका निभा सकती हैं।
  8. medical condition:
    कुछ चिकित्सा स्थितियाँ जैसे हाइपोथायरायडिज्म, PCOS/PCOD और कुशिंग सिंड्रोम वजन बढ़ाने का कारण बन सकते हैं।

    2 हफ्तों में 5 kg weight-loss करने के tips.
    2 हफ्तों में 5 kg weight-loss करने के tips.

वजन कम करने के Tips और Tricks:

तो सबसे पहले, आप Yoga शुरू करके और संतुलित आहार लेते हुए शुरुआत कर सकते हैं।

Yoga को अपनी दिनचर्या में शामिल करना महत्वपूर्ण है। सुबह के समय योग करना सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि इससे दिनभर के लिए ऊर्जा और सकारात्मकता मिलती है। अगर सुबह व्यस्त रहते हैं तो शाम के समय भी इसे कर सकते हैं।शुरुआत में खुद को चुनौती देने के बजाय बेसिक आसनों से शुरुआत करें।

सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, त्रिकोणासन, और भुजंगासन जैसे आसन सरल और प्रभावी हैं।अपने शरीर की क्षमता के अनुसार योगासन करें। धीरेधीरे अपनी प्रैक्टिस को और आगे बढ़ाएं। हर आसन को धैर्य और संयम के साथ करने की कोशिश करें।प्राणायाम का अभ्यास metabolism और श्वसन तंत्र में सुधार करता है। 

कपालभाति, अनुलोमविलोम, और भ्रामरी जैसे प्राणायाम को भी योगासन के साथ जोड़ें।

आइए, इसे विस्तार से जानें।

संतुलित आहार:

  1. संपूर्ण आहार:
    संतुलित आहार का मतलब है, शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व सही अनुपात में मिलना। इसमें फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, प्रोटीन और अच्छे फैट शामिल करें।
  2. Protein पर ध्यान दें:
    Protein
    शरीर की मांसपेशियों को बनाए रखने और वजन घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दाल, अंडे, पनीर, चिकन और नट्स जैसे Protein  युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें।
  3. Fibre युक्त भोजन:
    फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे ओट्स, फल, सब्जियाँ और बीज भूख को नियंत्रित करते हैं और पाचन तंत्र को बेहतर बनाते हैं।
  4. Sugar और Processed food से बचें:
    अतिरिक्त चीनी और प्रोसेस्ड फूड वजन बढ़ाने का मुख्य कारण बन सकते हैं। इसके बजाय नैचुरल स्वीटनर और ताजे खाद्य पदार्थ चुनें।
  5. समय पर भोजन:
    भोजन का समय निर्धारित करें और उसे फॉलो करें। रात का भोजन हल्का और सोने से 2-3 घंटे पहले कर लें।
  6. Healthy Diet:
    दिन में पाँच छोटे meals लें जिनमें प्रोटीन, फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज शामिल हों। तले हुए खाने और sugary beverages से बचें।
  7. Calorie Counting:
    अपने खाने की calorie count करें। रोजाना अपनी आवश्यकताओं से 500-1000 कम calorie लेने का लक्ष्य रखें।
  8. Weight Training और Cardio:
    हफ्ते में कम से कम पाँच दिन cardio (jogging, cycling, dance) और दोतीन दिन weight training करें। यह muscles को मजबूत बनाएगा और metabolism को भी तेज करेगा।
  9. Hydrate रहें:
    दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं। यह शरीर से toxins निकालने में मदद करता है और भूख को भी control करता है।
  10. Green Tea:
    Green tea में antioxidants होते हैं जो metabolism को तेज कर weight loss में मदद करते हैं।
  11. Sleep:
    7-8
    घंटे की पर्याप्त नींद लेने से hormonal balance बना रहता है, जिससे भूख पर नियंत्रण रहता है।
  12. Stress कम करें:
    Yoga और Meditation से stress को कम करें। इससे emotional eating की habit को भी रोका जा सकता है।
  13. PCOS/PCOD: जिन लोगों को PCOD की समस्या है, वे अशोक की छाल का काढ़ा पी सकते हैं और शतावरी पाउडर को गर्म पानी के साथ ले सकते हैं। कुछ ही दिनों में आपकी PCOD की समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाएगी।
  14. Full Weight Loss Diet chart : https://swadeshikhabar.com/indian-weight-loss-diet-chart-in-details/

इन strategies को सही ढंग से अपनाकर और अनुशासन में रहकर दो हफ्तों में 5 किलो तक वजन कम किया जा सकता है।वजन घटाने का सफर धैर्य और दृढ़ संकल्प की मांग करता है।Yoga और Balance diet को अपनी जीवनशैली में शामिल करना महत्वपूर्ण है। इससे न सिर्फ शरीर फिट होता है, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है। अनुशासन के साथ छोटेछोटे कदम बढ़ाएं, अपने प्रयासों को बनाए रखें और जल्द ही आप एक स्वस्थ और energetic जीवन की ओर बढ़ते हुए खुद को पाएंगे।

14 पतंजलि उत्पादों की License Suspend ! रामदेव, बालकृष्ण के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की गई 

14 पतंजलि उत्पादों की License Suspend ! रामदेव, बालकृष्ण के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की गई 

उत्तराखंड सरकार ने 15 अप्रैल को दिनांकित एक आदेश द्वारा पतंजलि के 14 उत्पादों की License Suspend की है।रामदेव,आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि के खिलाफ एक आपराधिक शिकायत भी दर्ज की गई है,जिसमें उन्हें औषधि और जादूई उपाय अधिनियम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।

उत्तराखंड सरकार ने 15 अप्रैल को दिनांकित एक आदेश द्वारा पतंजलि के 14 उत्पादों की License Suspend की है।

रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ एक आपराधिक शिकायत भी दर्ज की गई है, जिसमें पतंजलि को औषधि और जादूई उपाय अधिनियम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।

जिन products की License Suspend की गई हैं , उनके नाम Swasari Gold, Swasari Vati, Bronchom, Swasari Pravahi, Swasari Avaleh, Mukta Vati Extra Power, Lipidom, Bp Grit, Madhugrit, Madhunashini Vati Extra Power, Livamrit Advance, Livogrit, Eyegrit Gold and Patanjali Drishti Eye Drop हैं।

यह कदम उठाया गया है जबकि सुप्रीम कोर्ट में एक सुनवाई चल रही है, जिसमें रामदेव और पतंजलि के प्रबंध निदेशक बालकृष्ण के खिलाफ सुनवाई हो रही है, जिसमें उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अनुपालन करने पर विवादित विज्ञापनों को चलाने से मना किया गया था।

पिछले महीने, अदालत ने रामदेव, उनके सहायक आचार्य बालकृष्णन और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से सटीक विज्ञापनों के आदेश का पालन न करने के लिए एक सार्वजनिक माफी मांगने का आदेश दिया था।

रामदेव और बालकृष्ण ने दोनों ही पतंजलि द्वारा जारी विज्ञापनों के बारे में सुप्रीम कोर्ट के समक्षनिरपेक्ष और असीमित माफ़ीकी पेशकश की।

हालाँकि, बाद में उन्हें जारी की गई माफ़ी के आकार और दिखावट पर सवाल उठाया, जिसके परिणामस्वरूप पतंजलि ने बुधवार, 24 अप्रैल को अखबारों में एक नई सार्वजनिक माफ़ी जारी की।

भारत के माननीय सुप्रीम कोर्ट के सामने चल रहे एक विषय के प्रकार में, हम अपने व्यक्तिगत योग्यता के साथ और कंपनी की ओर से अपने अवज्ञा या अवज्ञा करने के लिए अधिकृत निर्देशों / आदेशों के लिए अशर्ती प्रायाश्चित करते हैं,” पतंजलि द्वारा नईनिरपेक्ष सार्वजनिक माफ़ीका अधिकारिक रूप से वर्णित उक्ति पढ़ता हैइस बार, बड़े और अधिक fonts के साथ।

मात्र ₹100 में अब होगा इलाज कैंसर का..

मात्र ₹100 में अब होगा इलाज कैंसर का

टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल ने उस शोध परियोजना का प्रयोग किया है जिससे ₹100 में एक लागतकुशल गोली का विकास हुआ है I

कैंसर के इलाज की खोज एक चुनौतीपूर्ण यात्रा रही है, लेकिन टाटा द्वारा किए गए एक नईतम खोज ने आशा जगाई है, जिससे संकेत मिलता है कि अहम उन्नति का समय आया है। टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल ने उस शोध परियोजना का प्रयोग किया है जिससे ₹100 में एक लागत-कुशल गोली का विकास हुआ है। यह गोली कैंसर के इलाज के साथ जुड़े दुष्प्रभावों को कम करने और बीमारी को फिर से होने से रोकने का उद्देश्य रखती है। टाटा मेमोरियल सेंटर के निदेशक डॉ. राजेंद्र बदवे ने NDTV के साथ एक साक्षात्कार में इस नवाचारी प्रणाली के बारे में अपने विचार साझा किए।

डॉ. बदवे के मुताबिक, टाटा की टीम ने इस गोली के विकास में लगभग दस साल लगाए। उन्हें अप्रूवल मिलने की उम्मीद है जून और जुलाई के बीच भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) से। इस गोली के प्रस्तावित लॉन्च से chemotherapy जैसे पारंपरिक उपचारों के दुष्प्रभावों को आधा किया जा सकता है और कैंसर के दोहराव का 30% तक कमी हो सकती है, जैसा कि संस्थान की खोज का अनुसरण है।

टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल (टीएमएच) के शोध से पता चला है कि कैंसर को chemotherapy और रेडियोथेरेपी द्वारा मारने पर कैंसर कोशिकाएँ सेल-फ्री क्रोमेटिन के अणुओं को मुक्त करती हैं, जो स्वस्थ कोशिकाओं को कैंसरी कोशिकाओं में बदल सकते हैं। इस खुलासे ने resveratrol और कॉपर के प्रो-ऑक्सिडेंट मिश्रण की जाँच करने का मार्ग दिखाया, जिसमें हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार क्रोमेटिन को सफलतापूर्वक न्यूट्रलाइज़ किया गया और chemotherapy के जोखिम को कम किया गया।

टीएमएच के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. इंद्रनील मित्रा ने व्यक्त किया कि उनके माउस में मानव स्तन कैंसर की कोशिकाओं के साथ किए गए उनके अध्ययनों ने कैंसर के विभिन्न उपचारों के च्रोमेटिन स्तरों पर प्रकाश डाला। विशेष रूप से, रेसवेरेट्रोल-कॉपर कॉम्बो की मौखिक प्रशासन से क्रोमेटिन निर्माण को ब्लॉक करना और दूरगमन को रोकना सफल रहा।

एक संबंधित नोट में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी वैज्ञानिकों द्वारा कैंसर वैक्सीन के निर्माण में काफी उन्नति की घोषणा की है, जो भविष्य में कैंसर चिकित्सा के विकास के लिए अतिरिक्त आशा प्रदान करती है।

कहीं आप भी तो नहीं कर रहे खाने में ये 10 गलतियां ??

कहीं आप भी तो नहीं कर रहे खाने में ये 10 गलतियां ?? 

आयुर्वेद के अनुसार, बहुत से भारतीय भोजन संयोजन हैं जिन्हें लोग गलत तरीके से खाते हैं, और यह उनके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।

यहां मैं आपको 10 ऐसे भारतीय भोजन संयोजनों की सूची प्रस्तुत कर रहा हूं जिन्हें लोग अक्सर गलत तरीके से खाते हैं, और जिन्हें सही तरीके से खाने से स्वास्थ्य को लाभ मिलता है:

  • दूध और फल:
    • आमतौर पर, लोग दूध को फलों के साथ नहीं खाते हैं, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार इसका संयोजन शानदार होता है। दूध के प्रोटीन और फलों के विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
  • दालचावलगुड़:
    • यह संयोजन उत्तम प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और शुगर को संतुलित करता है, जो उच्च ऊर्जा स्तर प्रदान करता है और शरीर के लिए आवश्यक है।
  • हरी सब्जीदही:
    • यह संयोजन पाचन को बेहतर बनाता है और शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करता है।
  • गुड़चना:
    • गुड़ और चने में अनेक पोषक तत्व होते हैं जो शरीर के लिए बहुत ही लाभकारी होते हैं, खासकर विटामिन्स, मिनरल्स, और आयरन।
  • मक्की की रोटीसरसों का साग:
    • यह संयोजन विटामिन्स, मिनरल्स, और आयरन के साथ-साथ उच्च फाइबर का स्रोत होता है जो पाचन को सुधारता है और शारीरिक संतुलन को बनाए रखता है।
  • गरमागरम पुलावरायता:
    • यह संयोजन आपको ऊर्जा प्रदान करता है और पाचन को बेहतर बनाता है।
  • आमछाछ:
    • आम के विटामिन्स और छाछ के प्रोबायोटिक्स अच्छे संयोजन की विशेषता को सम्मिलित करते हैं, जो पाचन को सुधारते हैं और शरीर को ठंडा करते हैं।
  • गुड़मूंगफली:
    • यह संयोजन उच्च प्रोटीन और आयरन का स्रोत होता है, जो शारीरिक और मानसिक संतुलन को बनाए रखता है।
  • अलसीदही:
    • अलसी के विटामिन्स और दही के प्रोबायोटिक्स स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं, खासकर पाचन को सुधारते हैं और शरीर की ऊर्जा को बढ़ाते हैं।
  • आलूगोभी:
  • यह संयोजन विटामिन्स, मिनरल्स, और फाइबर्स का उत्तम स्रोत होता है, जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।

इन भारतीय भोजन संयोजनों को सही तरीके से खाकर आप अपने स्वास्थ्य को बनाए रख सकते हैं और आयुर्वेद के सिद्धांतों के अनुसार जीवन को संतुलित बना सकते हैं।

अभिनेत्री सुहानी की मृत्यु Dermatomyositis के कारण हुई। इस दुर्लभ बीमारी के कारण, उनके लक्षण और मृत्यु के पीछे की जानकारी को जानने के लिए यहाँ पढ़ें।

अभिनेत्री सुहानी भटनागर की मृत्यु Dermatomyositis के कारण हुई। इस दुर्लभ सूजनकारी बीमारी के कारण, उनके लक्षण और मृत्यु के पीछे की जानकारी को जानने के लिए यहाँ पढ़ें।

Dermatomyositis के कारण, लक्षण, उपचार और डंगल अभिनेत्री सुहानी भटनागर की दुर्लभ सूजनकारी बीमारी से हुई दुखद नुकसान के बारे में सब कुछ जानिए। सुहानी भटनागर, जो आमिर खान की कुश्ती फिल्म डंगल में युवा बबीता फोगाट की भूमिका निभाई, शनिवार को दिल्ली में मृत्यु हो गईं, सिर्फ 19 वर्ष की उम्र में, Dermatomyositis, एक दुर्लभ सूजनकारी बीमारी, के कारण। उनका परिवार बताया कि 19 वर्षीय ने दो महीने पहले ही लक्षण दिखाए जबकि उसे दस दिन पहले ही बीमारी का निदान(diagnosed) हुआ।

कारण:

सुहानी को 7 फरवरी को ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज(AIIMS) में दाखिला कराया गया और उनकी मृत्यु 16 फरवरी को चिकित्सा के दौरान हो गई। एचटी लाइफस्टाइल के साक्षात्कार में, डॉ.श्वेता सिंघाई, सक्रा वर्ल्ड हॉस्पिटल, बेंगलुरु के Rheumatology Consultant ने बताया, “Dermatomyositis का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन यह मांसपेशियों का वायरल संक्रमण, ज्यादातर शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली में समस्या(जब शरीर अपनी मांसपेशियों और अन्य शरीर के ऊतकों के लिए स्वतआत्मात्मिकाएँ विकसित करता है), बैक्टीरियल संक्रमण, कभी-कभी टीकाकरण, यूवी विकिरण और हवा के प्रदूषक जैसे पर्यावरणीय कारकों के कारण हो सकता है।”

“उन्होंने आगे और बताया, “यह कभी-कभी कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए इस्तेमाल होने वाली Statins जैसी दवाओं के कारण भी हो सकता है। यह लगभग 30-40% मरीजों में निचले गुणी के साथ जुड़ा होता है और वे इसके लिए स्क्रीनिंग की आवश्यकता होती है, विशेषकर अगर वजन कम हो। यह एक बहुत ही दुर्लभ बीमारी है, जो 1 लाख आबादी में 2-3 लोगों में होती है।”

लक्षण:

स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने बताया के, “डर्मटोमायोसाइटिस एक असामान्य सूजनकारी बीमारी है जो पेशियों में कमजोरी और विशिष्ट त्वचा की खाल को उत्तेजित करती है। कंधों, ऊपरी बांहों, कूल्हों, जांघों और गर्दन की पेशियां सबसे अधिक कमजोर होती हैं। इसलिए, प्रभावित व्यक्ति को हाथ कंधे के स्तर से ऊपर उठाने और उत्तर आसन से उठकर बैठना भी कठिनाई महसूस होती है। त्वचा पर हलके-हलके बैंगनी रंग के दाग होते हैं, जो अक्सर आंखों, गालों, सीने के सामने या ऊपरी पीठ पर पाए जाते हैं। जोड़ों में दर्द और सूजन, दिल और फेफड़े की पेशियों की सूजन, त्वचा और पेशियों को रक्त प्रदान करने वाली रक्तसंचारित नसों में सूजन और सूजन भी हो सकती है।”

डॉ। श्वेता सिंघाई ने इसे और भी विस्तार से बताया, “गलास्वालन और सांस लेने की पेशी भी प्रभावित हो सकती है अगर इसका सही उपचार नहीं किया जाता है, और इसके कारण गलास्वालन और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। यह एक आपातकालीन स्थिति है और इसे तुरंत प्रबंधित किया जाना चाहिए। मरीज को सीपीके जैसी पेशियों के एंजाइम के लिए स्क्रीनिंग की जरूरत होती है, और Test जैसे ANA के साथ autoimmune कारणों को निकालने की जरूरत होती है। मरीज को कभी-कभी इसे नकारात्मक बताने के लिए पीईटी स्कैन की आवश्यकता हो सकती है। जबकि डर्मटोमायोसाइटिस का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों का उपचार दवाई, शारीरिक चिकित्सा, व्यायाम, गर्मी की थैरेपी और आराम के साथ किया जा सकता है।”

उपचार:

डॉ। श्वेता सिंघाई के अनुसार, दवाओं में शामिल हैं:

1. Corticosteroids

2. Immunosuppressive drugs like

  • Methotrexate,
  • Mycophenolate mofetil,
  • Rituximab,
  • Intravenous immunoglobulin etc

डॉ। श्वेता सिंघाई के अनुसारअन्य उपचारों में शामिल हैं:

  • आराम
  • सूर्य की धुप से बचना
  • सनस्क्रीन का उपयोग करना और
  • फोटोप्रोटेक्टिव कपड़े।

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