ISRO-विक्रम लैंडर और रोवर के द्वारा चंद्रमा की सतह पर ली गई हाई रेजोल्यूशन तस्वीरें सामने आईं।
इन तस्वीरों में दोनों वाहनों को चंद्रमा की सतह पर आराम करते हुए कैप्चर किया गया है। यह तस्वीरें एक आजाद रिसर्चर द्वारा खींची गई हैं।
ISRO ने चंद्रयान 3 की सफलता के बाद चंद्रमा की सतह पर मौजूद लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान की हाई रेजोल्यूशन तस्वीरें शेयर की हैं। इन तस्वीरों को 15 मार्च 2024 को क्लिक किया गया है, जिन्हें इंडिपेंडेंट रिसर्चर चंद्रा तुंगथुरथी ने जारी किया है। अगस्त 2023 में चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के बाद ISRO जो तस्वीरें शेयर की थीं, उनके मुकाबले इन तस्वीरों में ज्यादा डिटेलिंग देखने को मिल रही है।
नई तस्वीरें चांद की सतह से 65 किलोमीटर की ऊंचाई से 17 सेमी पर पिक्सल से खींची गई हैं। जबकि ISRO की पुरानी तस्वीरें 100 किमी की ऊंचाई से 26 सेमी पिक्सल से खींची गई थीं। हाई क्वालिटी इमेज में प्रज्ञान रोवर नजर आ रहा है। तस्वीरों को शेयर करने वाले रिसर्चर चंद्रा ने अपने ब्लॉग में लिखा कि ISRO की लगातार हो रही प्रगति से वे उत्साहित हैं। चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग 4 फेज में हुई थी।
चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई 2023 को लॉन्च किया गया था। इसमें तीन भाग थे – प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर, और रोवर। प्रोपल्शन मॉड्यूल को चंद्रमा के चांदनी तारे की कक्षा में रखा गया था। जबकि लैंडर और रोवर 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग कर गए थे।
ISRO ने 23 अगस्त 2023 को 30 किमी की ऊचाई से लैंडिंग प्रक्रिया शुरू की, जिसे 5:44 बजे शाम को ऑटोमैटिक लैंडिंग कहा गया। उन्होंने अपने मिशन को 20 मिनटों में पूरा किया।
चंद्रयान-3 ने 40 दिनों में 21 बार पृथ्वी और 120 बार चंद्रमा का भ्रमण किया। इस सफर में उसने 3.84 लाख किमी की यात्रा की और पृथ्वी के साथ रहा I
चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर गर्मी का स्तर लिया, जो करीब 50 डिग्री सेल्सियस पाया। साथ ही, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सल्फर, एल्युमिनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, और टाइटेनियम की मौजूदगी का भी पता चला है।